एक छोटे से गांव में एक लड़का था, जिसका नाम था आर्यन। वह अपने कुत्ते, रॉकी के साथ हर दिन नदी के किनारे खेलता था। दोनों का संबंध गहरे और अव्यक्त था। रॉकी की हर खुशी में आर्यन शामिल था, और रॉकी भी उसकी हर चिंता में भागीदार बनता था।
लेकिन एक दिन रॉकी बूढ़ा हो गया। उसकी चाल धीमी हो गई, उसकी आँखें थकी हुई सी लगने लगीं, और उसकी आवाज़ अब पहले जैसी मस्ती नहीं करती थी। आर्यन ने उसे बार-बार समझाया, लेकिन रॉकी अब पहले जैसा नहीं था। एक ठंडी सुबह, रॉकी ने हमेशा के लिए आँखें बंद कर लीं।
आर्यन अपने प्यारे दोस्त के पास बैठा रहा, उसे अपनी गोद में लिया और महसूस किया कि अब उसकी दुनिया में एक खालीपन आ गया है। उसने रॉकी को उस पेड़ के नीचे दफन कर दिया, जहाँ वे दोनों अक्सर खेलते थे।
समय बीत गया, लेकिन आर्यन का दिल हमेशा उस खालीपन को महसूस करता रहा। नदी बहती रही, लेकिन आर्यन की आँखों में अब वही मुस्कान नहीं थी।