सपनों की उड़ान
बहुत समय पहले एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम सूरज था। सूरज का सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा, लेकिन उसके पास संसाधन नहीं थे। गाँव में किसी के पास ज्यादा शिक्षा नहीं थी, और सूरज का परिवार भी बहुत गरीब था। लेकिन सूरज ने कभी हार नहीं मानी।
वह हर दिन मेहनत करता, चाहे खेतों में काम करना हो या फिर स्कूल में पढ़ाई। हर कठिनाई को वह एक नए अवसर की तरह देखता। जब भी उसे लगता कि कुछ असंभव है, तो वह अपने सपनों के बारे में सोचता और मन ही मन कहता, "मैं कुछ बड़ा करूंगा, बस मुझे प्रयास करना है।"
एक दिन, सूरज को एक छात्रवृत्ति मिली और वह शहर में पढ़ाई के लिए चला गया। उसने वहाँ बहुत संघर्ष किया, लेकिन उसकी मेहनत और धैर्य ने उसे सफलता दिलाई। सूरज ने बड़ी कंपनी में काम करना शुरू किया और कुछ वर्षों बाद, वह उसी कंपनी का CEO बन गया।
वह अब उन बच्चों के लिए प्रेरणा बन चुका था, जो यह मानते थे कि गरीब होना उनके सपनों को पूरा करने में रुकावट डाल सकता है। सूरज ने उन्हें यह सिखाया कि अगर दिल में उम्मीद हो और मेहनत का जुनून हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।
कहानी से सिख: "जो कठिनाइयाँ आती हैं, वे हमें हमारी मंजिल के और करीब ले जाती हैं। कभी हार मत मानो, अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाते रहो।"