एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था, जिसका नाम अर्जुन था। उसका सपना था कि वह एक दिन बड़ा आदमी बनेगा, लेकिन उसके पास कोई साधन नहीं था। उसका परिवार गरीब था, और लोग उसे केवल एक छोटे से गांव के लड़के के तौर पर जानते थे। लेकिन अर्जुन का मन कभी हार मानने वाला नहीं था। उसने ठान लिया था कि किसी भी हालत में वह अपने सपने को पूरा करेगा।
अर्जुन का सबसे बड़ा सपना था कि वह एक बड़ा इंजीनियर बनेगा और दुनिया में कुछ ऐसा करेगा, जो उसे और उसके परिवार को सम्मान दिलाए। लेकिन उसकी राह में कई मुश्किलें थीं। स्कूल में अच्छे अंक पाने के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी। कभी बिजली नहीं होती थी, तो कभी किताबें नहीं मिल पाती थीं। लेकिन अर्जुन कभी नहीं रुका।
एक दिन, जब अर्जुन का सपना पूरा करने के रास्ते में एक बड़ा अवरोध आया, तो उसकी हिम्मत टूटने लगी। उसका मन कह रहा था कि अब उसे हार मान लेनी चाहिए, लेकिन तभी उसकी मां ने उससे कहा, "अर्जुन, याद रखो, कठिनाइयां केवल तुम्हें मजबूत बनाने के लिए आती हैं। सपने सच तभी होते हैं, जब हम उनका पीछा करना नहीं छोड़ते।"
यह शब्द अर्जुन के दिल में गहरे उतरे। उसने खुद से वादा किया कि वह अपने सपने को पूरा करेगा, चाहे कुछ भी हो। उसने दिन-रात मेहनत की, खुद को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास करता रहा।
समय के साथ, अर्जुन ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ सफलता हासिल की। वह इंजीनियर बना और आज वह अपने गांव का गौरव है। उसकी कहानी यह साबित करती है कि अगर इंसान में मेहनत करने की जिद हो और सपने सच्चे हों, तो कोई भी मुश्किल उसे रोक नहीं सकती।
सपने सच करने के लिए जरूरत है सिर्फ एक चीज – अपनी मेहनत और विश्वास।